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13 October Mirecle
साल 2020 में लोगों को वह सब कुछ करना पड़ा जो किसी ने भी नहीं सोचा था और यहां तक कि  महामारी ऐसी फैली लोग अब घर से निकलने में भी डरने लगे  और इसके बाद तो देखा जाए तो अंतरिक्ष भी अब हम लोगों पर खुश हो गया है पर यह भी लगता है कि अंतरिक्ष अपनी सारी गतिविधियां इसी साल में है यानी कि 2020 में है निभाएगा

इसलिए बात सामने आ रही है कि क्योंकि इसी साल में आये दिन  जितनी भी घटनाएं हैं हो ना हो कोई ना कोई संकेत दे रही है आपको बता दें कि 13 अक्टूबर को एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो किसी ने सोचा भी ना था
13 अक्टूबर को एक तरह का घटना चौका देने वाला था क्योंकि आपको बता दें कि हर दिन हम लोग चांद को देखते हैं लेकिन उसी के साथ हमको एक और चमकता हुआ सितारा देखने को मिला जो की अद्भुत

13 अक्टूबर को मंगल ग्रह पृथ्वी के अत्यंत करीब था जो कि हमको आसानी से देखने को मिला था पर इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंगल ग्रह वह भी इतना करीब कि कहीं सालों के बाद इस बार देखने को मिला था और साथ ही काफी बड़ा दिखाई देने लगा था और लाल रंग का एक तरीके से दुर्लभ तरीके से दुर्लभ तरीके का अद्भुत नजारा देखने को मिला

वैज्ञानिकों का कहना है कि आज हम जिस तरीके से नजारा देखा है ऐसे ही नजारा हमको 35 साल के बाद देखने को मिलेगा जो की अद्भुत रहेगा अब यह देखने का इंतजार करने का है कि कब हम को देखने को मिलेगा आपको बता दें कि मंगल ग्रह और पृथ्वी की एक साथ परिक्रमा होने के कारण मंगल ग्रह को सूर्यास्त के समय देखने को मिला था जब सूरज ढल चुका था

आपको इसमें सबसे बड़ी बात बता दे की 6 अक्टूबर को मंगल ग्रह पृथ्वी के काफी करीब था और इसी के साथ 13 अक्टूबर को पृथ्वी मंगल ग्रह पर सूरज एक साथ देखने को मिला था  और जो भी लोग अंतरिक्ष में रुचि रखते हैं या फिर खगोल विज्ञान के बारे में जानना चाहते हैं वह सब के लिए यह दिन बहुत ही खास था

आपको बता दें कि मंगल ग्रह और पृथ्वी की दूरी हर 26 महीने के बाद सामान्य तरीके से दूरी काफी कम हो जाती है पर यह सब इसलिए होता है कि दोनों ही ग्रह अंडाकार मार्ग पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं  और इसके साथ ही साथ यह दोनों ग्रह अपनी कक्षा पर कुछ डिग्री झुके हुए हैं पर इन्हीं वजहों से दोनों ग्रह अपने बीच की दूरी कम होती जाती है लेकिन साल 2020 की यह दूरी कुछ ज्यादा ही कम हो गई है अब देखना होगा कि आगे आगे यह साल यह साल  क्या-क्या दिखाता है

अंतरिक्ष की गतिविधियां
अंतरिक्ष की गतिविधियां आज के जमाने के मॉडर्न टेक्नोलॉजी ठीक तरीके से समझ नहीं पाए हैं यानी कि अपने से कोई भी शोध ठीक तरीके से नहीं लगा पाए हैं और जो कुछ भी बता रहे हैं वह सब जानकारी हमारे हिंदू शास्त्रों में तो पहले से ही लिखी हुई थी उन्हें को कॉपी करके थोड़ा मॉर्डनाइजेशन कर करके पूरी दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं ताकि वह लोग अपनी वाहवाही लूट सके और यही कारण है कि आज पूरी दुनिया अगर किसी भी साइंस और टेक्नोलॉजी को अगर समझते हैं तो उसका श्रेय अगर किसी को देते हैं तो वह वेस्टर्न कल्चर को देते हैं जबकि यह सब तो भारत में तो पहले से ही कर दिया था लेकिन इन सब को मिटा दिया गया ताकि पूरी दुनिया यह ना जाने कि यह सब तो करने वाला भारतीय और मूर्ख तो भारतीयो को बनाया गया और इन सब में कुछ भारतीय भी लोग थे क्योंकि कुछ भारतीय लोगों को लालच देकर के ऐसे काम उनसे करवा लिए गए

अमेरिका और यूरोप के लोग संस्कृत और हिंदी भाषा सीख रहे हैं 
इन सब में सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह सामने आती है कि क्या कारण है कि भारत के लोग सिर्फ अंग्रेजी के अब तक पीछे भाग रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो यूरोप और अमेरिका के लोग तो हिंदी और संस्कृत सीखने में लगे हुए हैं और यही कारण था कि यह जितने भी खगोल शास्त्री यानी इस देश के जितने भी खोज है वह सब भारत ने ही लगाया था और यह सब पूरी दुनिया जानती है और यही कारण है कि पूरी दुनिया संस्कृत और हिंदी भाषा सीख रही है

भारत का चांद पर पहुंचना
भारत का आज चांद पर पहुंचना यही सबसे बड़ी बात है क्योंकि पूरी दुनिया तो नहीं कर पाएंगे वह जो है भारत ने कर दिखाया था वह भी कम पैसों में मंगल पर पहुंचे और साथ में चांद की सैर भी कर ली और यही कारण है कि आज अमेरिका भी भारत की इसरो की ताकत जान रही है chandrayaan 1 जब से सफल हुआ है तब से पूरी दुनिया का ध्यान भारत की तरफ आकर्षित हुआ है भले chandrayaan-2 काम ठीक तरीके से नहीं कर पाया लेकिन इतने कम पैसों में इतना तक जाना है यह भी पूरी बात है अब हो सकता है कि इसमें भी किसी की चाल हो जिस को फेल करने की या नहीं भी हो यह कोई ठीक से नहीं बता सकता

दुनिया की 2 शक्तियां पहुंची थी सबसे पहले चांद पर
दुनिया की दो महान शक्तियां सबसे पहले पहुंची थी चांद पर उसमें से तो सबसे पहले Russia पहुंचा था उसके बाद America लेकिन इनमें से सबसे बड़ी बात है कि भारत चांद के उस जगह पर उतरने की कोशिश कर रहा था मतलब कि उस तरफ गया और सबसे बड़ी बात है कि वहां की बहुत सारी तस्वीरें भी खींची है तो उस जगह पर अमेरिका और भी नहीं पहुंच पाया था यह सबसे बड़ी बात है और यही कारण है कि भारत के वैज्ञानिकों की अलग खासियत है

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