Top India BharatChaina Russia, CNSA और Roscosmos दोनों मिल कर बनाएंगे Space Stetion

अंतरिक्ष Space Space Agency की जब बात आती है। तब भारत की Isro, America की Nasa और Russia की Roscosmos इन सब का नाम प्रमुखता से आता है। तो वहीं दूसरी तरफ आपको बता दें कि आने वाले कुछ सालों में अंतरिक्ष से जुड़े हमको ऐसी बहुत सारी हैरान कर देने वाली खबरें देखने को मिल सकती है। और यही कारण है कि 21वीं सदी में कई ऐसे बड़े देश है जो अंतरिक्ष में एक बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में सोच रहे हैं। क्योंकि हर किसी देश को अंतरिक्ष में भविष्य की महत्वपूर्ण संभावनाएं दिख रही है। 

इस प्रकार की संभावनाओं को देखने के पश्चात हर कोई बड़ा देश अंतरिक्ष क्षेत्र की तलाश में झूटा है। और इस कार्य में दुनिया का हर बड़ा देश और निजी कंपनियों के साथ सरकारी एजेंसियां भी बड़ी तेजी से लगी हुई है। और इस क्षेत्र में अपने समय के साथ पैसों का भी नीवेश कर रही है। और ऐसे में चीन और रूस दोनों ही बड़ी महा शक्तियां मिल करके एक साथ नया लक्ष्य प्राप्त करने की तलाश में जुटी है।

बता दे कि समाचार Agency Associated Press की एक रिपोर्ट के अनुसार बात सामने आई है। की Corona के संकट का प्रभाव कुछ कम होने के पश्चात चीन और रूस के बीच आपसी समझौता हुआ है। जिसमें दोनों देशों ने मिलकर हस्ताक्षर भी किए है। मंगलवार को चीन और रूस की दोनों Space Agency ने मिलकर के एक हस्ताक्षर की है। आपको बता दें कि रूस की Space Agency Roscosmos के दिमित्री रोगोजिन और चीन के Space Agency CNSA के प्रमुख जांग कीजिए के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। 

चीन की Space Agency के अनुसार रूस और चीन दोनों देशों ने मिलकर के आपसी सहयोग करने के साथ आपसी परामर्श करने के लिए भी इस प्रकार के समझौते किए हैं। जिसमें इस चंद्रमा पर International Space Agency का निर्माण किया जाएगा, CNSA ने अपनी Website पर बताया कि International लूनर रिसर्च स्टेशन दुनिया के अन्य कई बड़े देश भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। परंतु इसके निर्माण के संबंध में कोई भी समय सीमा नहीं बताई गई है।

बताया तो ये जा रहा है कि इस Exersise का उद्देश्य भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर भयंकर युद्ध की परिस्थितियां आने पर और साथ ही सैटेलाइट और अन्य कई उपकरणों की सुरक्षा के मद्दे नजर रखते हुए इसका प्रयोग किया जा रहा है। अभी के कुछ सालों में देखें तो दुनिया के कई बड़े देश इस प्रकार की गतिविधियों पर अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। और स्पेस से जुड़ी कई ऐसे उपकरण पर अभ्यास भी किया जा रहा है।

जब से चीन और रूस की इस प्रकार की खबर सामने आने के पश्चात पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। बता दे की चीन की CNSA और रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos को दोनों देशों के बीच हुआ एक अंतरराष्ट्रीय लूनर रिसर्च एजेंसी से जुड़ी एक बड़ी खबर थी। और यह समझौता ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिकी कांग्रेस अपने प्रौद्योगिकी चोरी जैसी चिंताओं को मद्दे नजर रखते हुए नासा ने चीन के साथ अपने सभी संपर्कों पर प्रतिबंध लगाया है। और यही कारण है कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। कि चीन और रूस का यह समझौता नासा और रूस के बढ़ते अंतर को भी दिखाता है। रूस और चीन दोनों ही एक साथ आने के पश्चात दुनिया के समीकरण किस प्रकार बैठेंगे अब यह आने वाला समय ही बताएगा। परंतु चीन की CNSA ने एक बयान जारी करके बताया कि यह स्टेशन चंद्रमा की सतह या फिर चंद्रमा की कक्षा में बनाया जाएगा

इस स्टेशन के माध्यम से ऐसी बहुत सारी रिसर्च करने में मदद मिलेगी, जैसे कि चांद पर scientific research observation और tactical authentication इस प्रकार की अन्य कहीं गतिविधियों को पूरा करने में बड़ी मदद मिलेगी। रूस आज स्पेस में दुनिया के देशों की तरह अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है। और पूरी दुनिया रूस की स्वीकृति मानती है। दुनिया के अन्य कई देशों में रूस के कार्यक्रम आज के समय में चल रहे हैं उनमें से भारत भी एक है। फ्रांस भी अब अंतरिक्ष की दुनिया में सैन्य अभ्यास करने में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बनने जा रही है।

इससे पहले भी चीन ने इस बात का खुलासा किया था कि चीन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन बनाने पर इच्छुक है। और इसी अभियान के तहत एक रोबोट भेजने का भी प्लान था। तत्पश्चात मानव पर भी एक प्रयोग करके भेजने का भी तैयारी थीं परंतु अब ये अभियान 2030 में शुरू होगा 

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