Corona चाल के बाद, अब चीन की जंग की चाल, ताइवान के साथ
चीन ने अपना पाप छुपाने के लिए एक बार फिर से जंग की साजिश रची है। चीनी फिर से ताइवान पर कब्जा जमाने का प्रयास शुरू कर दिया है। परंतु फिर भी सवाल यह उठता है। कि दुनिया पर जब भी संकट आता है तो चीन अपनी इसी प्रकार की विस्तार वादी नीति को अपनाना शुरू करता है। और यह भी सवाल उठता है कि चीन को ऐसे ही समय पर विस्तार वादी नीति याद क्यों आती है।
Corona काल को करीब 1 साल हुआ और यह महामारी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। और करोना खत्म हुआ ही नहीं था कि चीन ने पूरी दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ताइवान के साथ जंग लड़ने का षड्यंत्र रचा है। आपको बता दें कि चीन के फाइटर प्लेन चीन के जंगी जहाज चीन के समंदर में चलने वाली सबमरीन और या कहे कि चीन की बर्बादी,
लगता है इस बार चीन के साथ ऐसा ही कुछ होने वाला है। चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग का जुनूनी जंग का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ ताइवान ने भी अपनी तलवार को धार देना शुरू कर दिया है। लगता है चीन ने अपनी मौत का खुद इनविटेशन दे दिया है। और साथ ही अमेरिका और ताइवान ने मिलकर के अपने जंगी बारूदी जहाज और बम वर्षक फाइटर प्लेन को और भी मजबूत कर दिया है।
क्यों कि जिनपिंग शागिर्दों ने युद्ध का ऐलान करने के साथ अपनी बर्बादी का भी इंतजाम कर दिया है। यह बात इसलिए भी सामने आ रही है क्योंकि चीन ने एक बार फिर से ताइवान पर कब्जा करने की साजिश रची है। वैसे भी चीन इस प्रकार की हरकतें पहले से ही थी करते आ रहा है।
आपको बता दें कि चीन के करीब 25 लड़ाकू विमान ताइवान के बॉर्डर में घुसे, और आपको बता दें कि अब तक की चीन के लड़ाकू की अब तक की सबसे बड़ी यह घुसपैठ है। Taiwan चीन का अभिन्न अंग है यह बात चीत 7 दशक से कहते आ रहा है। इन सब बातों को देखने के पश्चात यही लगता है कि इस बार का मामला बहुत ही गंभीर हो चुका है।
यह बात इसलिए सामने आ रही है क्योंकि चीन ने अपनी पूरी जंगी बड़ों को ताइवान की तरफ भेज दी है। जितने भी बम वर्षक विमान या फिर अन्य कई युद्ध के fighter प्लेन और साथ ही जंग की 1 airforce की टुकड़ी जो की जंग लड़ती है। और अपनी इसी हवाई ताकत को चीन ने ताइवान में भेज करके अपनी पूरी ताकत को झोंक दी, चीन के इस प्रकार के 25 विमान को देखने के पश्चात यही लग रहा था कि जंग की शुरुआत अभी होने ही वाली है।
चीन के विमानों को ताइवान के अंदर घुसते देख | ताइवान ने भी अपने plains को छोड़ दिए चीन के प्लेंस को इंटरसेप्ट किया, और यहां तक कि ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने एक स्टेटमेंट जारी किया है। और यहां तक कीताइवान में घुसी चीन के बम वर्षक विमानों की कुछ तस्वीरें भी जारी की है। फिर भी एक सवाल उठता है कि आखिर चीन चाहता क्या है।
आपको बता दें कि चीन 7 दशक से कहता आ रहा है कि ताइवान चीन का हिस्सा है। और चीन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है। और वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है। और चीन यह भी चाहता है कि अमेरिका ताइवान से दूर रहे। क्योंकि अमेरिका के चलते चीन ताईवान पर कब्जा नहीं कर सकता, परंतु इस प्रकार की चीन की चाल को अमेरिका कभी भी स्वीकार नहीं कर सकता, और यही कारण है कि अमेरिका ताइवान की भरपूर मदद करने का प्रयास कर रहा है जिससे कि चीन ताइवान से दूर रहे,
दूसरी तरफ America यही चाहता है कि चीन एक बार कोई गलती करें जिससे कि America कि बाइडेन प्रशासन को चीन पर हमला करने का मौका मिल सके। और यही अमेरिका चाहता है। अमेरिका चीन पर इसलिए भी चाबुक चलाना चाहता है। क्योंकि डेड साल से अमेरिका कोरोना का प्रकोप झेल रहा है और इस Corona के कारण अमेरिका को बहुत नुकसान हुआ, अमेरिका ने साफ-साफ कहा है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो चीन को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा और एक भीषण युद्ध का सामना करना पड़ेगा
लेकिन फिर भी एक सवाल उठता है कि चीन ने अचानक ताईवान पर हमला करने का प्रयास क्यों किया। इस प्रकार की साजिश चीन ने क्यों रची। क्या चीन सच में ताइवान पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। या फिर चीन अपने कोरोना वाले करतूतों से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार की विस्तार वादी निंती का सहारा ले रहा है। परंतु इस पर आपकी क्या राय है आप कमेंट करके बताएं।
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