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अंतरिक्ष में आए दिन ऐसी कोई ना कोई घटना होती रहती है।
लेकीन इस बार की घटना थोडी अजीब तरह कि है। जिसे जानने के बाद आप हैरत मै पड़ जाएंगे। आपको बता दें कि सूर्य जैसा ( Black Hole ) एक प्रकार से करीब 100 से ज्यादा भारी और विशालकाय ( Black Hole ) अचानक ही वैज्ञानिकों की पहुंच के बाहर हो गया यानिकि अदृश्य हो गया।
इस ( Black Hole ) के गायब होने के बाद इसे ढूंढने में वैज्ञानिकों के पसीने छूट गए। स्वाभाविक सी बात है कि इस प्रकार के अंतरिक्ष में अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां होती रहती है। जिस कारण वर्ष इस प्रकार के किसी भी ( Black Hole ) ब्लैक होल को ढूंढ़ना इतना आसान नहीं है। आपको बता दे की ( American Space Agency NASA ) अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी नासा अभि इस गायब हुए ब्लैक होल को खोजने के लिए अलग इक्विपमेंट का प्रयोग करने जा रहे हैं जोकि ( Chandra X- R Observatory & herbal Space Telescope ) चंद्र एक्स र ऑब्जर्वेटरी हर्बल स्पेस टेलीस्कोप का प्रयोग करने जा रही है।
लेकिन अब तक के अनुसार इसका कोई भी पता नहीं चला है। आपको यह बात जानना बेहद ही महत्वपूर्ण है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की। ( Black Hole ) ब्लेक होल अंतरिक्ष का वो जगह है। जों भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता है। क्यो की इसका गुरुत्वाकर्षण इसका जो क्षेत्र है। इसका इतना शक्तिशाली है कि इसके खिंचाव के कारण कोई भी उसके अंदर खिंचा चला जाता है यानी कि कोई भी बच नहीं सकता
लेकिन अभी तक इसका कोई अता पता नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष की वो जगह है जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता।
जिस ( Black Hole ) ब्लैक होल को गायब बताया जा रहा है वह ब्लैक होल ( Galaxy Cluster ) गैलेक्सी की क्लस्टर एबल टू डु 16 में होना चाहिए था। परंतु अभी वह वहां नहीं है। और दूसरी बात है कि ( Galaxy Cluster A1 Pluto ) प्लूटो सिसवन की दूरी आप को पटा दे तो करीब 2.7 अरब लाइट इयर्स दूर तक है।
यहां इतना शक्तिशाली है कि इसके अंदर अगर लाइट भी चली जाए तो वह बाहर निकल नहीं सकता। एक लाइट बियर की दूरी आपको बता दें तो करीब 9 लाख करोड़ किलोमीटर होती हैं। और इस प्रकार के हर गैलेक्सी के केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल होता हैं। और उसका वजन अनुमान मध्यम से आपको बता दें तो कई गुना ज्यादा होता है।
यह पृथ्वी से कितना दूर पड़ता है।
तो आपको बता दे कि यह पृथ्वी से 26 हजार लाइट ईयर्स की दुरी पर स्थित है। और यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात ये हे कि वैज्ञानिक यहा पर एपल गैलेक्सी के केंद्र के ( Black Hole ) ब्लैक होल के पुराने डेटा और 2004 के डेटा इकट्ठा करके एनालाइज कर रहे हैं। लेकिन फिर भी अब तक ( Black Hole ) ब्लैक होल के बारे में कोई भी सबूत नहीं मिला है
America की Mission University की Team का कहना है कि एपल को टू सिक्स वन में ( Black Hole ) ब्लैक होल ना होने के कारण इस प्रकार से वह ( GALAXY ) गैलेक्सी के बाहर भी जा सकता है। इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसकी वजह से यह ( Black Hole ) ब्लैक होल दिखाई ना दे रहा हो।
हालांकि इस प्रकार की घटना पर उनका एक अनुमान है। जिसके ऊपर हम निर्णय पर नहीं जा सकते हैं। क्यों कि वैज्ञानिकों की इस प्रकार की जानकारी पर सिर्फ अनुमान के नजरिए से देखा जा सकता हैं। क्योंकि वैज्ञानिक भी पूरी तरीके से नहीं बता सकते हैं। कि गैलेक्सी की गतिविधियों का इस प्रकार से विचरण करना यह सब अनुमान के आधार पर ही विश्लेषण किया जा सकता है।
यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात हमारे सामने आ रही है। हिन्दू शास्त्रों में विविध प्रकार के अंतरिक्ष वाली खोज पहले से ही कर दी गई थी। अंतरिक्ष की हर गतिविधियों के बारे में भी हिंदू शास्त्रों के और ग्रंथ में भी हर प्रकार का इनका उल्लेख मिलता है जिसको समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन पूरी दुनिया आज सिर्फ नासा और यूरोपीय संस्कृति के ऊपर टिकी हुई है। यानी कि को फॉलो कर रही है।
अंतरिक्ष संबंध के इस प्रकार के बहुत सारे ऐसे शोध है। जो पहले से ही हमारे शास्त्रों में लिखे हुए थे जिसको विदेशी वालों ने चुरा कर के ले जाने के बाद उन सब को मॉडिफाई करके लोगों के सामने अलग नजरिया से पेश कर रहे हैं। जिससे कि लोगों को लगता है कि यहां सब शोध जो है विदेशी वालों ने ही लगाए हैं।
इन सब पर आपकी राय क्या है कमेंट करके बताएं अन्य आर्टिकल को भी पढ़े
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