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भारत की खतरनाक मिसाइल, चीन के दुश्मनों को क्यों चाहिए BrahMos Missiles

भारत सरकार की तरफ से पिछले वर्ष यानी कि 2020 में रूस से अनुरोध किया था और जिसको रूस की सरकार ने मान भी लिया था किस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को किसी भी तीसरे देश को मधेनजर रखते हुए और सुरक्षा की आपूर्ति को ध्यान में रखकर निर्यात करने की मंजूरी की मांग की थी।

भारत की सबसे खतरनाक और सटीक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को फिलीपींस ने खरीदने की इच्छा जताते हुए डील को साइन कर दिया है। आपको बता दें कि फिलीपींस सरकार रक्षा विभाग के अधिकारी अंडर सेक्रेट्री रेमुंडो और भारत सरकार के राजदूत शंभू कुमारन के बीच यह डील हो गई है। और यह डील फिलिपींस आर्मी हेड क्वार्टर में साइन की गई है। पिछले साल रूस सरकार से मंजूरी मिलने के पश्चात ही इस प्रकार की डील को करना संभव हुआ है।

परंतु कुछ लोगो को लगता है। की यह कोई बड़ी डील नहीं है। और यह एक मामूली सी मिसाइल है। और इस डील का भी कोई महत्व नहीं है। आपको बता दें कि, कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान से एक बड़ी खबर आई थी। भारत की ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर के पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की एक प्रतिक्रिया आई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की इस खतरनाक मिसाइल से डर लगता है। और यहां तक कि दुनिया के कई बड़े देशों ने भी इस मिसाइल की प्रशंसा भी की है।

आपको बता दें कि चीन और फिलीपींस के बीच लंबे समय से साउथ चाइना सी में तनाव चल रहा है। वैसे भी चीन के साथ अन्य कई देशों के साथ तनाव चल रहा है। और फिलीपींस और चीन दोनों की सेना आमने सामने खड़ी है। और चाइना की ताकत को देखने के पश्चात भारत और फिलीपींस के बीच हुई इस ब्रह्मोस मिसाइल की डील के बाद चाइना के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

आपको बता दें कि भारत सरकार ने जब से, यानी कि पिछले वर्ष 2020 में रूस से अनुरोध करने पर भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल को किसी भी तीसरे देश को मध्य नजर रखते हुए और सुरक्षा की आपूर्ति को ध्यान में रखकर निर्यात करने की मंजूरी मिल गई थी तत्पश्चात ही इस प्रकार की डील करना भारत के लिए और भी आसान हो गया है। ना केवल सिर्फ भारत के साथ अपितु दुनिया के अन्य कई देशों के साथ भी इस मिसाइल कि डील को करना अब और भी आसान हो गया है।

भारत की इस खतरनाक मिसाइल को फिलिपिंस से पहले वियतनाम की तरफ से भी इस ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने की मांग हुई थी। यहां तक कि दुनिया के अन्य कई 70 देशों ने भी इस मिसाइल को खरीदने की इच्छा जताई थी। परंतु इसमें से सबसे ज्यादा देश वो है। जो चीन की कई सालों से चली आ रही विस्तार वादी नीति और बढ़ते हुए चीन की आक्रामकता को देखते हुए बहुत ही परेशान है। और भारत से इस मिसाइल को खरीदने की मांग भी कर रहे हैं।

भारत की इस मिसाइल को खरीदने वालों में से सिर्फ फिलीपींस और वियतनाम ही नहीं अपितु अल्जीरिया, मलेशिया, ब्राजील, चीन, साउथ कोरिया, अल्जीरिया, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, ग्रीस, और थाईलैंड के साथ अन्य कई ऐसे देश है। जो भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की मांग कर चुके हैं।

आपको याद होगा कि कुछ समय पहले चीन और भारत के बीच हुए टकराव के समय में भी इस ब्रह्मोस मिसाइल को, मई महीने की 2020 को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी कि (LAC) पर स्थापित किया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल जमीन से हवा में सटीक मार करने वाली नई वर्जन मिसाइल है। जून के महीने में हुई चीन और भारत के बीच गलवान घाटी में इस मिसाइल को तैनात करने की भी मंजूरी मिल गई थी। इन सब पर आपकी क्या राय है आप कमेंट करके बताएं

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